- सिंहावलोकन
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“प्रत्येक राज्य को अपनी ताकत पहचाननी होगी, अपने लक्ष्य निर्धारित करने होंगे तथा उन्हें प्राप्त करने के लिए रोडमैप तैयार करना होगा, क्योंकि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए यह आवश्यक है" - माननीय प्रधानमंत्री
राज्य सहायता मिशन नीति आयोग द्वारा एक व्यापक पहल है जिसका उद्देश्य राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के साथ संरचित और संस्थागत जुड़ाव को बढ़ावा देना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य 2047 तक अपने सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में उनकी सहायता करना है। इस मिशन को राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और उनकी मुख्य शक्तियों के साथ संरेखित रोडमैप विकसित करने में सहायता करने के लिए कार्यनीतिक रूप से डिज़ाइन किया गया है।
मिशन को वर्ष 2022-23 से 2024-25 की अवधि के लिए 237.5 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है। राज्य सहायता मिशन के तहत, नीति आयोग इच्छुक राज्यों को राज्य परिवर्तन संस्थान (एसआईटी) स्थापित करने में अपना समर्थन देगा, जो संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में विकास कार्यनीतियों को आगे बढ़ाते हुए एक बहु-विषयक संसाधन इकाई के रूप में काम करेगा। राज्य सहायता मिशन के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
मिशन को लागू करने के लिए नीति आयोग में एक राज्य आर्थिक एवं परिवर्तन इकाई (सेतु) की स्थापना की जाएगी, जिसका नेतृत्व संयुक्त सचिव स्तर का एक अधिकारी करेगा जो मिशन निदेशक होगा तथा निदेशक, सहायक निदेशक, नवाचार प्रमुख और वाईपी द्वारा समर्थित होगा। सेतु निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी होगा:-
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इच्छुक राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को एसआईटी स्थापित करने अथवा उनके मौजूदा योजना विभागों/बोर्डों को सुदृढ़ बनाने में सहायता प्रदान करना।
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साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की निगरानी एवं मूल्यांकन इकोसिस्टम तथा डेटा विश्लेषणात्मक प्रणालियों को मजबूत करना।
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राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ सहयोग करके प्रमुख विकास चालकों और सक्षमकर्ताओं की पहचान करना तथा उनका उपयोग उनकी आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए करना।
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राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को ज्ञान संस्थानों, विकास साझेदारों, बहुपक्षीय एजेंसियों, नागरिक समाज, शिक्षाविदों और अन्य हितधारकों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने में सुविधा प्रदान करना।
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राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए सुशासन और नीति पद्धतियों को साझा करने तथा पारस्परिक ज्ञान प्राप्ति हेतु ज्ञान मंच की स्थापना करना।
मिशन की प्रभावी योजना और निर्बाध कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए दो समितियाँ बनाई गई हैं। नीति आयोग के सीईओ की अध्यक्षता में मिशन संचालन समिति (एमएससी) मिशन के कार्यान्वयन के लिए समग्र मार्गदर्शन और दिशा प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, नीति आयोग के अपर सचिव की अध्यक्षता में एक मिशन कार्यान्वयन समिति (एमएससी) की स्थापना की जाएगी, जो राज्य सहायता मिशन की विभिन्न गतिविधियों की निगरानी करेगी। एमएससी राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों और प्रमुख ज्ञान संस्थानों (एलकेआई) से प्राप्त प्रस्तावों की भी समीक्षा करेगी।
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- हितधारक
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क.राज्य / संघ राज्य क्षेत्र – राज्य और संघ राज्य क्षेत्र मिशन का कार्यान्वयन निकाय हैं। वे अपने समर्पित दल, जिसे कार्यक्रम कार्यान्वयन इकाई (पीआईयू) के नाम से जाना जाता है, के सहयोग से अपने राज्य विजन@2047 को विकसित करेंगे, साथ ही इसे प्राप्त करने के लिए रोडमैप और रणनीतियां भी बनाएंगे।
ख. सशक्त >लीड नॉलेज इंस्टीट्यूशन (एलकेआई) – राज्य सहायता मिशन विशेषज्ञता और क्षेत्र-विशिष्ट ज्ञान तक पहुँचने के लिए क्षेत्रवार भागीदारी के महत्व को स्वीकार करता है। ऐसी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए; राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा आईआईएम, आईआईटी, राज्य विश्वविद्यालय या किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान जैसे राज्य विशिष्ट ज्ञान संस्थानों में से किसी एक को उनके डोमेन और तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए लीड नॉलेज इंस्टीट्यूशन के रूप में नामित किया जा सकता है। एलकेआई राज्यों को उनके प्रयासों में सुविधा प्रदान करने के लिए अन्य संस्थानों के साथ भी सहयोग कर सकता है।
ग. बहुपक्षीय एजेंसियाँ/विकास भागीदार – राज्य सहायता मिशन बहुपक्षीय एजेंसियों की विशेषज्ञता, वित्तीय संसाधनों और आयोजन शक्ति का उपयोग करता है। ये एजेंसियाँ अपने विकास उद्देश्यों को प्राप्त करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में सहायता प्रदान करने के लिए सभी हितधारकों के साथ जुड़ेंगी।
- रिपोर्ट
- कार्यशालाएं/सम्मेलन/मीडिया
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1. ज्ञान संस्थानों के साथ कार्यशाला
21 अक्टूबर 2022 को राज्य सहायता मिशन पर एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें भागीदारी हेतु हाइब्रिड मोड का उपयोग किया गया। नीति आयोग के अपर सचिव की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य राज्य सहायता मिशन के भीतर ज्ञान संस्थानों के लिए संभावित भूमिकाओं और कार्य क्षेत्र का पता लगाना था।
कार्यशाला में आईआईएम शिलांग, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी मुंबई, आईआईएम लखनऊ, आईआईएम जम्मू, आईआईएम विजाग और आईआईएम रायपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस कार्यशाला में राज्य सहायता मिशन में इन संस्थानों के योगदान और भागीदारी के बारे में गहन चर्चा की गई।


2. राष्ट्रीय परामर्शदात्री बैठक
नीति आयोग ने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के (यूटी) के साथ सहयोग को सुदृढ़ करने और 2047 तक विकासशील भारत के साझा दृष्टिकोण को प्राप्त करने के अपने निरंतर प्रयास में, 27 अप्रैल 2023 को एक परामर्श बैठक आयोजित की। परामर्श में 35 राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों के अपर मुख्य सचिवों, योजना सचिवों, रेजिडेंट कमिश्नरों और अन्य सम्मानित प्रतिनिधियों सहित वरिष्ठ अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
यह बैठक नीति आयोग के माननीय उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में, माननीय सदस्यों और सीईओ की उपस्थिति में, नीति आयोग के अधिदेश और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ साझेदारी करने की इसकी अटूट प्रतिबद्धता पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करती है। मुख्य विषयों में ज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देना, निगरानी और मूल्यांकन इकोसिस्टम को बढ़ाना, साथ ही राज्य स्तर पर परिवर्तनकारी बदलावों को आगे बढ़ाने में योजना विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानना शामिल था।
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों ने परामर्श के दौरान सक्रिय रूप से बहुमूल्य सुझाव दिए, नीति आयोग से अपनी अपेक्षाएं व्यक्त कीं कि वे मौजूदा सहभागिता और साझेदारी को और गहरा करें। ये सुझाव महत्वपूर्ण हैं और नीति आयोग और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों को मजबूत करने में योगदान देंगे ताकि उनकी संबंधी आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।






- राज्य
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पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों
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असम – एसआईटीए
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मेघालय
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उत्तराखंड – सेतु
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जम्मू और कश्मीर
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पश्चिमी तट और द्वीप राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
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महाराष्ट्र - मित्रा
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पूर्वी तट और द्वीप राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
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कर्नाटक - एसआईटीके
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स्थल-रुद्ध राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
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उत्तर प्रदेश – एसटीसी
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- ज्ञान केंद्र
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एसएसएम नॉलेज सेंटर क्षेत्र-विशिष्ट मॉड्यूल का एक संग्रह है जो राज्य स्तर पर क्षेत्र-विशिष्ट अंतःक्षेपों को सुविधाजनक बनाने के लिए इन मॉड्यूल तक पहुँचने के लिए राज्यों के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करेगा। इन मॉड्यूल में मानकीकृत टूलकिट, टेम्प्लेट, फ्रेमवर्क, दस्तावेज़ीकरण, शोध अध्ययन, कार्य पत्र आदि शामिल होंगे। इसमें डोमेन-विशिष्ट विशेषज्ञों द्वारा ज्ञान वीडियो की एक श्रृंखला भी शामिल है, जिसमें आंतरिक और बाहरी विशेषज्ञ शामिल हैं।
- कौन क्या है
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नाम पद का नाम ईमेल आईडी श्री के.एस. रेजिमोन संयुक्त सचिव/एमडी (एसएसएम) ks[dot]rejimon[at]nic[dot]in श्री शोयब अहमद कलाल निदेशक (एसएसएम) s[dot]kalal[at]nic[dot]in सुश्री हिमानी सचदेवा कंसल्टेंट ग्रेड-2 (एसएसएम) himani[dot]sachdeva[at]nic[dot]in डॉ. (सुश्री) अमृत पाल कौर सार्वजनिक नीति विशेषज्ञ, एसएसएम amrit[dot]pal44[at]nic[dot]in श्री विक्रम सिंह नेगी अवर सचिव (एसएसएम) vikrams[dot]negi[at]nic[dot]in सुश्री प्राची शर्मा कंसल्टेंट ग्रेड-1(एसएसएम) sharma[dot]prachi01[at]nic[dot]in सुश्री दामिनी यादव कंसल्टेंट ग्रेड-1(एसएसएम) damini[dot]yadav92[at]nic[dot]in श्री दीपक नैलवाल अनुभाग अधिकारी (एसएसएम) deepak[dot]nailwal[at]gov[dot]in
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