Task Force on Production and Promotion of Biofertilizers and Organic Fertilizers
जैव उर्वरकों और जैविक उर्वरकों के उत्पादन और संवर्धन पर कार्य बल

नीति आयोग में 9 जुलाई 2021 को आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसरण में, नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद की अध्यक्षता में निम्नलिखित विचारार्थ विषयों (टीओआर) के साथ एक कार्य बल गठन किया गया है:

  1. देश में जैव उर्वरक एवं जैविक उर्वरक उत्पादन एवं उपभोग की स्थिति का आकलन करना एवं इसके निहितार्थों को संक्षेप में प्रस्तुत करना
  2. जैविक उर्वरक के लिए भारत सरकार के जैविक उर्वरक नियंत्रण आदेश के माध्यम से जैव उर्वरकों के मौजूदा मानकों का आकलन करना और इसके पैमाने को बढ़ाने के लिए और सिफारिशों सहित मौजूदा परीक्षण सुविधाओं में बदलाव हेतु सुझाव देना।
  3. मवेशी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नवीन तरीकों और नीतियों को तैयार करना और विशेष रूप से गौशालाओं में मवेशियों को आर्थिक संपत्ति में बदलने के लिए जैव उर्वरक और जैव-ऊर्जा के रूप में गाय के खाद का उपयोग करना।
  4. ब्रांड के विकास सहित जैव उर्वरकों के वाणिज्यिक उत्पादन, पैकेजिंग, विपणन और वितरण को प्रोत्साहित करने के लिए और जैव उर्वरकों के विपणन और प्रमाणन में आनेवाली चुनौतियों का समाधान हेतु उपाय/नीतिगत पहल तैयार करना।
  5. समृद्ध ठोस और तरल जैव उर्वरक के उत्पादन के लिए गौशालाओं, डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठन सहित विभिन्न हितधारकों के साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल को जांचना।
  6. अजैविक उर्वरकों के साथ समान अवसर बनाने के लिए जैव उर्वरकों के वाणिज्यिक उत्पादन, पैकेजिंग, विपणन और वितरण और उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए तंत्र और नीतिगत समर्थन का सुझाव देना।

इस संबंध में, इस क्षेत्र में बदलाव के लिए उपयुक्त नीतिगत सिफारिशें के लिए पृष्ठभूमि (अंग्रेजी/हिंदी) और विचारार्थ विषयों (अंग्रेजी/हिंदी) या किसी अन्य सुझाव पर हितधारकों के विचार मांगे गए थे।

साथ ही, सभी हितधारक सफलता की कहानियां/अनुभव जिनमें उत्पाद संवर्धन में पशुधन उप-उत्पादों का उपयोग किया गया था तथा इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों आदि को साझा कर सकते हैं।

सभी सुझाव/टिप्पणियाँ 25 दिसंबर, 2021 तक प्राप्त हो गईं।