Objectives and Features
उद्देश्य एवं विशेषताएँ
अवलोकन
  • राज्यों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और कार्यनीतियों के एक साझा विज़न का विकास करना।
  • यह स्वीकार करते हुए कि सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करते हैं, राज्यों के साथ सतत आधार पर संरचनात्मक सहयोग की पहलों और तंत्रों के माध्यम से सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना।
  • ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजनाओं का निर्माण करने के लिए तंत्रों का विकास करना और इनको उत्तरोतर रूप से सरकार के उच्चतर स्तर पर एग्रीमेंट करना।
  • यह सुनिश्चित करना कि जो क्षेत्र विशेष रूप से आयोग को निर्दिष्ट किए गए हैं उनकी आर्थिक कार्यनीति और नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को सम्मिलित किया गया है।
  • हमारे समाज के उन वर्गों पर विशेष रूप से ध्यान देना, जिनको आर्थिक प्रगति से उचित प्रकार से लाभान्वित न हो पाने का जोखिम हो सकता है।
  • कार्यनीतिक और दीर्घावधिक नीति तथा कार्यक्रम का ढांचा तथा पहल तैयार करना तथा उनकी प्रगति और प्रभाव की निगरानी करना। निगरानी और फीडबैक के माध्यम से सीखे गए सबक का प्रयोग आवश्यक मध्यावधि संशोधन सहित नवोन्मेषी सुधार करने के लिए किया जाएगा।
  • महत्वपूर्ण हितधारकों तथा समान विचारधारा वाले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक के साथ-साथ शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थाओं को सलाह देना और उनके बीच भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, वृत्तिकों तथा अन्य भागीदारों के सहयोगात्मक समुदाय के माध्यम से ज्ञान, नवोन्मेष और उद्यमशील सहायक प्रणाली तैयार करना।
  • विकास एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाने के उद्देश्य से अंतर्क्षेत्रक और अंतर्विभागीय मुद्दों के समाधान के लिए मंच प्रदान करना।
  • अत्याधुनिक संसाधन केंद्र का अनुरक्षण करना, सतत और न्यायसंगत विकास मेंसुशासन तथा सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों पर अनुसंधान का भण्डार बनाना और साथ ही उसे हितधारकों तक पहुंचाने में भी मदद करना।
  • आवश्यक संसाधनों की पहचान करने सहितकार्यक्रमों और पहलों के कार्यान्वयन की सक्रियता से निगरानी और मूल्यांकन, ताकि सेवाएं प्रदान करने में सफलता की संभावनाओं और उनके दायरे को सुदृढ़ किया जा सके।
  • कार्यक्रमों और पहलों के कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण पर जोर देना।
  • ऐसी अन्य गतिविधियों का उत्तरदायित्व लेना जो राष्ट्रीय विकास एजेंडा के कार्यान्‍वयन को आगे बढ़ाने और उपर्युक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक हो सकती हैं।
विशेषताएं

नीति आयोग स्वयं को आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ एक अत्याधुनिक संसाधन केंद्र के रूप में विकसित कर रहा है जो इसे तेजी से कार्य करने, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने, सरकार के लिए कार्यनीतिक नीति विज़न प्रदान करने और आकस्मिक मुद्दों से निपटने में समर्थ बनाएगा। इसे दो संबद्ध कार्यालय - विकास अनुवीक्षण और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ) – एक प्रमुख पहलन अटल नवाचार मिशन (एआईएम और एक स्वायत्त निकाय अर्थात राष्‍ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र अनुसंधान और विकास संस्थान (एनआईएलईआरडी) द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।

नीति आयोग के समस्त कार्यकलापों को चार मुख्य शीर्षों में विभाजित किया जा सकता है :

  1. नीति और कार्यक्रम ढांचा
  2. सहकारी संघवाद
  3. अनुवीक्षण एवं मूल्यांकन
  4. थिंक टैंक और ज्ञान एवं नवाचर केन्द्र

नीति आयोग के विभिन्न वर्टिकल, प्रकोष्ठ, संबद्ध कार्यालय और स्वायत्‍त निकाय इसके अधिदेश को पूरा करने के लिए आवश्यक समन्वय और समर्थन ढांचा प्रदान करते हैं। वर्टिकलों और प्रकोष्ठों की सूची नीचे दी गई है 

प्रभाग/प्रकोष्ठ:

प्रशासन

कृषि तथा संबद्ध क्षेत्र

आकांक्षी जिला कार्यक्रम प्रकोष्ठ

संचार और सोशल मीडिया प्रकोष्ठ

डेटा प्रबंधन एवं विश्लेषण, फ्रंटियर प्रौद्योगिकी

अर्थ एवं वित्त प्रकोष्ठ

शिक्षा

शासन और अनुसंधान

शासी परिषद सचिवालय और समन्वय

उद्योग-I

उद्योग-II

अवसंरचना – कनेक्टिविटी

अवसंरचना - ऊर्जा

प्राकृतिक संसाधन एवं पर्यावरण और द्वीप विकास

परियोजना मूल्यांकन और प्रबंधन प्रभाग

सार्वजनिक निजी साझेदारी

ग्रामीण विकास

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, स्वैच्छिक कार्य प्रकोष्ठ

सामाजिक क्षेत्र-I (कौशल विकास, श्रम और रोजगार, शहरी विकास)

सामाजिक क्षेत्र-II (स्वास्थ्य और पोषण, महिला और बाल विकास)

राज्य वित्त एवं समन्वय

सतत विकास लक्ष्य

जल संसाधन/प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना/भूमि संसाधन