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इस लक्ष्य में 2020-21 (एसडीजी इंडिया सूचकांक 3) से 2023-24 (एसडीजी इंडिया सूचकांक 4) तक 12 अंकों का सुधार हुआ है, जो परफॉर्मर से फ्रंट रनर श्रेणी में आगे बढ़ा है।
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2015-16 और 2019-21 के बीच बहुआयामी गरीबी 24.8% से लगभग आधी होकर 14.96% हो गई।
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2022-23 के लिए बहुआयामी गरीबी संभवतः घटकर 11.28% हो जाएगी, 2013-14 और 2022-23 के बीच 24.8 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से मुक्त हुए।
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2023-2024 में मनरेगा के तहत रोजगार की मांग करने वाले 99.7% व्यक्तियों को रोजगार दिया गया।
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एनएफएचएस-5 (2019-21) के अनुसार 95.4% परिवार पक्के/अर्ध-पक्के घरों में रहते हैं।
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एनएफएचएस-5 (2019-21) के अनुसार 41% परिवारों में कम से कम एक सदस्य स्वास्थ्य बीमा या स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत आता है, जो एनएफएचएस-4 (2015-16) के 28.7% से बेहतर है।
लक्ष्य 1: गरीबी के सभी रूपों को हर जगह से समाप्त करना
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